लेनार्ड रिचर्डसन, माईक एमंड्सन, और सैम रूबी ने अपनी किताब में बताया है:-

  • जो अपने आप समझ में आ जाये
  • जिसे काम में लेना शुरू करने के लिये कुछ नया ना बनाना पड़े
  • जिसके बदलने पर और कुछ ना बदलना पड़े

ठीक वैसे ही जैसे कि एक अच्छी वैबसाईट

  • अपने आप समझ में आ जाती है
  • जिसे काम में लेने के लिये नया ब्राउज़र नहीं बनाना पड़ता
  • और जिसके बदलने पर ब्राउसर का नवीनीकरण नहीं करना पड़ता